उत्तराखंड में शोक की लहर, कोच्चि ग्लाइडर हादसे में लेफ्टिनेंट राजीव शहीद
कोच्चि ग्लाइडर हादसे में शहीद हुए लेफ्टिनेंट राजीव झा अपने पीछे पत्नी और दो बेटियों को बिलखता छोड़ गए हैं। उनकी एक बेटी छह साल की और दूसरी ढाई साल की है।
केरल के कोच्चि में हुए ग्लाइडर हादसे में शहीद हुए उत्तराखंड के लेफ्टिनेंट राजीव झा पंचतत्व में विलीन हो गए। मंगलवार को शहीद को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। रविवार को केरल के कोच्चि में भारतीय नौसेना का ग्लाइडर आईएनएस गरूड़ दुर्घटना का शिकार हो गया था। जिसमें नौसेना के दो अधिकारी शहीद हो गए। शहीद अधिकारियों में उत्तराखंड के रहने वाले लेफ्टिनेंट राजीव झा भी शामिल हैं। लेफ्टिनेंट राजीव झा की शहादत की खबर जैसे ही दून स्थित उनके घर पहुंची वहां कोहराम मच गया। मंगलवार को नेवी के लेफ्टिनेंट राजीव झा का पार्थिव शरीर देहरादून में स्थित पैतृक आवास पर लाया गया। शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही घर पहुंचा वहां कोहराम मच गया। पत्नी और मां उनके पार्थिव शरीर से लिपट कर रोने लगीं। पत्नी रो-रोकर बेसुध हो गई। मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें किसी तरह संभाला। लेफ्टिनेंट राजीव झा मूलरूप से बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले थे। उनका परिवार देहरादून के झाझरा में रहता है। राजीव साल 1999 में नेवी में बतौर अधिकारी भर्ती हुए थे। वे दो भाई और एक बहन थे। आगे पढ़िए
राजीव परिवार में सबसे बड़े थे। उनका छोटा भाई तरुण मल्टीनेशनल कंपनी में है। लेफ्टिनेंट राजीव झा अपने पीछे पत्नी और दो बेटियों को बिलखता छोड़ गए हैं। उनकी एक बेटी छह साल की और दूसरी ढाई साल की है। लेफ्टिनेंट राजीव के पिता हरिनारायण झा देहरादून में नौकरी करते थे। जिसके चलते पूरा परिवार देहरादून में ही बस गया। आपको बता दें रविवार को केरल के कोच्चि में आईएनएस गरुड़ से नियमित प्रशिक्षण के दौरान एक ग्लाइडर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में नेवी के दो अधिकारियों की मौत हो गई थी। जिनमें लेफ्टिनेंट राजीव झा भी शामिल हैं। मंगलवार शाम उनका पार्थिव शरीर कोच्चि से विशेष विमान से दिल्ली और वहां से जौलीग्रांट लाया गया। बाद में पार्थिव शरीर को झाझरा सैनिक कॉलोनी स्थित पैतृक आवास पर लाया गया। अंतिम दर्शनों के बाद हरिद्वार में शहीद लेफ्टिनेंट राजीव झा का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ।